हिंदी की प्रकांड पण्डित डॉ. विद्या चिटको जी ने काशी में गुजरे अपने बचपन की बहुत ही मनोहारी स्मृतियाँ जिसमे की पण्डित बिस्मिल्लाह खान जी, बाबुराव पराड़कर जी, नगरी प्रचारणी सभा काशी,पण्डित विश्वानाथ जी मिश्र पण्डित पदम् नारायण आचार्यजी, डॉ. करुनापति त्रिपाठी जी ऐसे विद्वत जनो के साथ गुजारे वक्त और यादों के बारे में लिखा है|